NEFT Kya Hai, पैसे भेजने के लिए भले ही आज हम सभी यूपीआई का सबसे ज्यादा प्रयोग करते है, लेकिन NEFT का प्रयोग आज भी काफी ज्यादा मात्रा में किया जाता है जब एक बैंक से दूसरे बैंक में राशि का लेन देन करना हो।
Hello Dosto, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, NEFT in Hindi के बारे में, NEFT Kya Hai इसके क्या फायदे है और यूपीआइ तथा आरटीजीएस से यह कितना अलग है जानेंगे इन सारी बातों के बारे में।
NEFT Kya Hai? –
NEFT का फुल फॉर्म “National Electronic Fund Transfer” या हिंदी में “नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर” होता है।
NEFT एक पेमेंट सिस्टम है जिसके द्वारा एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किया जा सकता है।
NEFT की मदद से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी भी बैंक शाखा से किसी व्यक्ति को फंड ट्रांसफर किया जा सकता है, इसलिए इसके ट्रांसफर के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
यदि कोई खाता धारक अपने बैंक अकाउंट से किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना चाहता है, तो वह NEFT की मदद से बड़ी ही आसानी से किसी दूसरे के खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकता है।
इसके लिए बैंक से पैसे निकालकर रिसीवर के खाते में डालने की जरूरत नहीं है और न ही चेक के माध्यम से भुगतान करने की जरूरत पड़ती है, इसके लिए NEFT सबसे अच्छा पेमेंट का माध्यम है।
इसके अलावा NEFT से पेमेंट भेजने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती है आप सिम्पल इंटरनेट की मदद के नेटबैंकिंग का प्रयोग करके पैसे भेज सकते है।
NEFT Ke Fayde –
NEFT (NEFT in Hindi) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके द्वारा किसी भी बैंक शाखा के किसी भी अकाउंट से, रिसीवर बैंक के खाते में फंड ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए एकमात्र शर्त यह है कि पैसे भेजने और रिसीव करने वाली दोनों बैंक शाखाएं NEFT सक्षम हों।
इस माध्यम से पैसे भेजने पर किए गए ट्रांजेक्शन का एक कानूनी रिकार्ड होता है, जिसे किसी भी समय उपयोग किया जा सकता है, किसी भी विवाद के मामले में इसका प्रयोग प्रूफ के तौर पर भी किया जा सकता है।
NEFT सिस्टम के द्वारा “भारत-नेपाल प्रेषण सुविधा योजना” के अंतर्गत भारत और नेपाल में पैसे को भेजने और रिसीव करने सुविधा दी जाती है।
NEFT आने के बाद किसी भी तरीके के फ्रॉड व चोरी या फोर्जिंग को पूरी तरह से खत्म करने में मदद मिली है।
पैसे भेजने और रिसीव करने के लिए NEFT एक सरल प्रक्रिया है और ये एक मिनट के भीतर बिना किसी भी बड़ी औपचारिकता के किया जा सकता है, ट्रांजेक्शन के सफल हो जाने के बाद ईमेल और एसएमएस के माध्यम से इसकी कन्फर्मेशन मिल जाती है।
NEFT, सम्पूर्ण भारत में सभी बैंकों द्वारा स्वीकार किया जाता है, जिससे यह देश के भीतर फंड ट्रांसफर के लिए आसान और विश्वसनीय माध्यम बन जाता है।
NEFT के ट्रांजेक्शन आमतौर पर एक ही दिन में प्रोसेस कर दिए जाते है, जिससे बैंक खातों के बीच त्वरित और समय पर पैसों का ट्रांसफर सुनिश्चित होता है।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 से, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को NEFT के माध्यम से किए गए ऑनलाइन लेनदेन के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाने का निर्देश दिया है।
NEFT कैसे काम करता है? –
जहां यूपीआई के माध्यम से तुरंत रियल टाइम में पैसे ट्रांसफर कर रिसीवर के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते है, वहीं NEFT बैच प्रोसेसिंग के ऊपर काम करता है।
हालांकि यह सेवा 24×7 और वर्ष के 365 दिन उपलब्ध रहती है, लेकिन इसके माध्यम से किए जा रहे सभी लेन-देन 30 मिनट के बैच में प्रोसेस किए जाते है।
आमतौर पर एनईएफटी लेनदेन का पहला बैच सुबह 12:30 बजे और आखिरी बैच आधी रात को प्रोसेस कर दिया जाता है।
इसके अलावा, कुछ बैंक सीमा, मोड या विशिष्ट दिनों के आधार पर विशिष्ट एनईएफटी ट्रांसफर समय की सुविधा दे सकते है।
जब आप NEFT से पैसे भेज रहे होते है तो लाभार्थी के खाते में राशि जमा करने के लिए मानक एनईएफटी भुगतान के लिए प्रोसेसिंग टाइम आमतौर पर दो घंटे तक का होता है।
हालांकि कभी-कभी इससे अधिक समय भी लग सकता है, यदि ऐसा होता है तो कृपया बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क करें।
जब भी NEFT के माध्यम से पैसे भेजे जाते है तो ये कुछ स्टेप्स से होकर गुजरता है जो कुछ इस प्रकार है –
Initiate – सबसे पहले पैसे भेजने वाला व्यक्ति, रिसीवर के बैंक खाते की डिटेल्स और भेजी जाने वाली राशि डालता है।
Transaction Processing – इसके बाद पैसे भेजने वाले व्यक्ति का बैंक लेन-देन का विवरण NEFT सिस्टम को भेजता है।
Batching – NEFT सिस्टम पूरे दिन अलग-अलग लेन-देन के विवरण को एकत्रित करके बैच बनाता रहता है।
Settlement and Clearing – NEFT के द्वारा पहले से निर्धारित किए गए 30-30 मिनट के अंतराल पर पर बैच को प्रोसेस किया जाता है, इस प्रक्रिया में शामिल बैंकों के बीच होने वाले लेन देन को पूरा किया जाता है।
Credit to Recipient’s Account – इस स्टेप में रिसीवर का बैंक इस ट्रांजेक्शन की डिटेल्स प्राप्त करता है और रिसीवर के कहते में पैसे जमा करता है।
Confirmation – जब ये सारे टास्क पूरे हो जाते है तो पैसे भेजने वाले व्यक्ति और रिसीवर दोनों को अपने अपने बैंक से कंन्फर्मेशन मैसेज प्राप्त होता है।
NEFT के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट –
- रिसीवर का नाम
- रिसीवर का बैंक अकाउंट नंबर
- रिसीवर के बैंक का नाम
- रिसीवर के बैंक शाखा का नाम
- रिसीवर के खाते का प्रकार
- रिसीवर की बैंक शाखा का IFSC कोड
- Eligible Transactions के लिए भेजने वाले और रिसीव करने वाले Legal Entity Identifiers।
NEFT Working Time –
NEFT सिस्टम 24*7 और साल के पूरे दिन उपलब्ध रहता है, इससे आप किसी भी समय लेन-देन कर सकते है।
यह यूपीआई की तरह रियल टाइम में नहीं बल्कि बैच में डेटा को प्रोसेस करता है और पूरे दिन 30 मिनट के एक नियमित टाइम इनर्वल में कार्य करता रहता है।
यदि किसी कारण से यह सिस्टम काम नहीं कर रहा होता है, तो उस समय ट्रांजेक्शन करने पर आरबीआई की तरफ से इसकी सूचना दी जाती है।
NEFT का सिस्टम पूरे हफ्ते चौबीस घंटे, आधे-आधे घंटे के अंतराल में 23 बैच लेन-देन के ट्रांजेक्शन को पूरा करते है।
पहले NEFT मूल रूप से प्रति घंटे के बैच में फंड ट्रांसफर को प्रोसेस करता था, बाद में अप्रैल 2016 में आरबीआई के आदेश के बाद इस समय घटाकर आधे घंटे का कर दिया गया, इसके बाद आरबीआई ने अगस्त 2019 में घोषणा की कि वह 16 दिसंबर 2019 से चौबीसों घंटे ट्रांजेक्शन को प्रोसेस करेगा।
हालांकि यह काम रविवार और महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर किया जाता है, हालांकि ग्राहक बैंक में छुट्टी वाले दिन भी ट्रांजेक्शन कर सकते है, लेकिन इस समय की गई रिक्वेस्ट अगले कार्य दिवस में कर दी जाएगी।
NEFT सर्विस देने वाले बैंक –
भारत में लगभग सभी बड़े बैंक इसकी सर्विस देते है, जहां से आप यह सुविधा का लाभ ले सकते है, नीचे उन सभी प्रमुख बैंकों की लिस्ट दी गई है –
- HDFC Bank
- ICICI Bank
- यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया
- इंडियन बैंक
- स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
- एक्सिस बैंक
- पंजाब नेशनल बैंक
- इंडसइंड बैंक
- कोटक महिंद्रा बैंक
- येस बैंक
- केनरा बैंक
- बैंक ऑफ़ इंडिया
NEFT Limit –
एनईएफटी (NEFT in Hindi) से पैसे ट्रांसफर करने की कोई भी सीमा नहीं है, लेकिन एक बार में कोई भी ग्राहक 50,000 रुपये से ज्यादा की राशि का ट्रांसफर नहीं कर सकता है।
NEFT Charges –
₹10,000 तक के लेनदेन पर | शुल्क ₹2.50 + GST |
₹10,000 से ₹1 लाख तक | शुल्क ₹5 + GST |
₹1 लाख से अधिक और ₹2 लाख तक | शुल्क ₹15 + GST |
₹2 लाख से अधिक | शुल्क ₹25 + GST |
NEFT, UPI और RTGS में अंतर –
RTGS का मतलब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट है, जबकि NEFT नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड ट्रांसफर है, साथ ही यूपीआई का मतलब “यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस” होता है।
ये सभी पेमेंट के लिए प्रयोग की जाने वाली सर्विसेज़ है, लेकिन इनके कार्य करने की प्रकृति अलग-अलग है।
यूपीआई जहां हम रोजमर्रा के कामों में छोटी-छोटी पेमेंट करने के लिए प्रयोग करते है तो वहीं NEFT, 2 लाख से कम के ट्रांजेक्शन के लिए और RTGS, 2 लाख से ज्यादा के अमाउन्ट के ट्रांसफर के लिए प्रयोग करते है।
NEFT किसी भी टाइम किया जा सकता है लेकिन यह दिन में 12 बजे के बाद से 30 मिनट के बैच में प्रोसेस किया जाता है, तो वहीं यूपीआई रियल टाइम में प्रोसेस होता है, जबकि RTGS भी रियल टाइम में सेटलमेंट होता है, लेकिन यह बैंक के बंद होने पर बंद कर दिया जाता है और फिर अगले दिन उसी तरह बैंक के Working Hour में काम करता है।
इसके अलावा भी इन तीनों में काफी कुछ अंतर है जो इनको अलग बनाते है, जो कुछ इस प्रकार है –
Parameter | NEFT | UPI | RTGS |
मिनिमम ट्रांसफर | 1 रुपये | 1 रुपये | 2 लाख |
पेमेंट ऑप्शन | Online & Offline | Online | Online & Offline |
मैक्सिमम ट्रांसफर | No Limit | 2 लाख | No Limit |
ट्रांसफर टाइम | 30 मिनट | तुरंत | तुरंत |
इनवर्ड ट्रांज़ैक्शन शुल्क | 0 | 0 | 0 |
आवश्यक विवरण | खाता सं. और IFSC Code | QR Code मोबाईल नंबर UPI ID या IFSC का VPA | खाता सं. और IFSC Code |
रजिस्ट्रेशन | हाँ | नहीं | हाँ |
NEFT क्या है और IMPS, RTGS तथा UPI में क्या अंतर है जानने के लिए इस विडिओ को देख सकते है –
Summary –
देखने में ये पेमेंट सिस्टम भले ही एक जैसे लगे लेकिन सभी के कार्य अलग-अलग आवश्यकताओं को पूरा करते है, इन सभी की अपनी एक अहमियत है।
तो दोस्तों, NEFT क्या है (NEFT Kya Hai), NEFT in Hindi के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताइएगा नीचे कमेंट बॉक्स में, यदि आपके पास इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे भी लिखना न भूलें, Thank You 🙂
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