Fast Charging Kya Hai, आज के समय में फोन के साथ काफी बड़े चार्जर देखने को मिलते है जो कि यह फोन को कुछ ही मिनटों में चार्ज कर दे रहे है और इस टेक्नॉलजी को ‘फास्ट चार्जिंग’ के नाम से जाना जाता है।
Fast Charging आने के बाद अब पहले की तरह अब हमें घंटों स्मार्टफोन के चार्ज में लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है, बड़ी बैटरी के साथ भी आज के समय में फोन जल्दी चार्ज हो जाते है।
Hello Dosto, स्वागत है आप सभी का हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, फास्ट चार्जिंग के बारे में… Fast Charging Kya Hai, ये टेक्नॉलजी कैसे काम करती है,इसके क्या फायदे और नुकसान है, बात करेंगे इन सभी टॉपिक्स के बारे में।
Fast Charging Kya Hai? –
अगर इतिहास में देखें तो पहले छोटी बैटरी भी लगभग 3 घंटे में चार्ज होती थी और समय के साथ और ज्यादा बड़ी बैटरी होने के बावजूद हम अपने फोन को कैसे पहले की तुलना में अधिक तेजी के साथ कम समय में कैसे चार्ज कर पाते हैं?
तो इस सवाल का जवाब है, बैटरी और चार्जिंग की टेक्नॉलजी अब क्योंकि आज के समय में स्मार्टफोन में एक से बढ़कर एक टेक्नॉलजी आ रही है, तो कंपनियां एक दूसरे से आगे निकलने की दौड़ में तरह की कई तरह के नए फीचर्स लाते है, अब ऐसे में चार्जिंग भी इम्प्रूव होना स्वाभाविक है।
कभी स्मार्टफोन खरीदते समय आपने, स्मार्टफोन की मिलने वाली बैटरी पावर को ध्यान में जरूर रखा होगा, क्योंकि फोन को ऑन रखने की पूरी जिम्मेदारी बैटरी की ही होती है।
छोटी बैटरी उतने कम समय में चार्ज होगी और जितना इसकी कैपिसिटी बढ़ाते जाते है उतना ही चार्जिंग टाइम बढ़ता जाता है, अब हमने पहले भी देखा है कि पहले के फीचर फोन में बहुत ही छोटी बैटरी लगी होती थी जो कि चार्ज होने में लगभग 1.5 घंटे से 2 घंटे तक लेती थी।
अब स्मार्टफोन में तो फीचर फोन से तीन गुना ज्यादा बड़ी बैटरी लगती है, इसलिए इसका चार्जिंग टाइम तो ज्यादा लगना स्वभाविक है, लेकिन इस टाइम को कम करने के लिए फास्ट चार्जिंग टेक्नॉलजी को काम में लिया जाता है।
इस टेक्नॉलजी की मदद से आज के समय में एक बड़ी बैटरी वाले स्मार्टफोन को 20 मिनट से कम समय में भी चार्ज किया जा सकता है, जैसा कि ब्रांडस क्लेम करते है।
अगर थोड़ा इतिहास की बात करें तो कुछ साल पहले तक जब हमारे फोन काफी छोटे हुआ करते थे और उनके साथ मिलने वाले फीचर भी लिमिटेड यानी कुछ गिने-चुने जैसे कालिंग, कैलेंडर, वाच, गेम, टॉर्च जैसे साधारण फीचर मिलते थे।
क्योंकि इसके लिए ज्यादा बैटरी क्षमता की जरूरत नहीं थी इसलिए उनमें मिलने वाली बैटरी की क्षमता भी कम हुआ करती थी, फिर भी आराम से दो से तीन दिन तक की बैटरी बैकअप दे सकती थी।
नोकिया का Nokia 3310 तो ऐसा फोन था जिसकी बैटरी हफ्ते भर चल जाती थी लेकिन इस तरह के फोन्स की चार्जिंग की बात करें तो इसमें 3.7 से 5 वोल्ट तक का इनपुट करंट दिया जाता था और इसको फुल चार्ज करने में 1.5 से 2 घंटे लग जाते थे।
धीरे-धीरे समय के साथ टेक्नॉलजी और इंप्रूव होती गई जिसमें फोन में और फीचर्स जैसे इंटरनेट एक्सेस करना, मल्टीमीडिया, ब्लूटूथ, वाईफाई, गेम्स और बड़ी स्क्रीन जैसे फीचर्स आने लगे।
अब हमें अपने फोन में और बड़ी बैटरी की जरूरत पड़ने लगी और क्योंकि पहले ही बैटरी को चार्ज करने में ज्यादा समय लगता था और इसलिए अब अधिक क्षमता वाली बैटरी लगाने पर और अधिक समय लगना स्वाभाविक था।
इस टाइम को कम करने के लिए Qualcomm ने अपनी नई टेक्नोलॉजी Quick Charge 1.0 को लॉन्च किया, जो कि स्मार्टफोन की बड़ी बैटरी को पहले की तुलना में काफी फास्ट चार्ज करने में सक्षम थी।
How Fast Charging Works? –
तो हमारे चार्जर से मिलने वाला आउट्पुट कितना पॉवरफुल होगा ये दो वेरिएशन पर निर्भर करता है, जिसमें पहला है वोल्ट (Volt) और दूसरा एम्पियर (Ampere) होता है।
चार्जर में आउटपुट के रूप में मिलने वाले इन्ही दोनों वेरिएशन को गुणा करने पर जो रिजल्ट मिलता है, वो हमारे चार्जर का पावर होता है, इस पावर को वाट (Watt) में गिना जाता है।
Volt × Ampere = Watt
Fast Charging टेक्नॉलजी, चार्जर के वाट पर निर्भर करती है, किसी भी चार्जर का आउट्पुट वाटेज जितना ज्यादा होगा, चार्जर उतना ही पावरफुल करेंट आउट्पुट में देगा।
एक लिमिट से ज्यादा करेंट होने पर बैटरी खराब हो सकती है इसलिए इस करेंट को मैनेज करने के लिए स्मार्टफोन के अंदर पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड लगा होता है, जो यह यह बताता है कि बैटरी कितना करेंट ले सकती है और यह बाकी के सेफ़्टी का ध्यान रखता है।
अगर किसी स्मार्टफोन में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट नहीं दिया गया है, तो यह अधिकतम 10 (5 Volt × 2 Ampere = 10 Watt) वाट के करेंट पर चार्ज होता है।
और यदि बेसिक चार्जर की बात करें तो यह 5 Volt, 1Ampere का होता है, जिससे 5 Watt का आउटपुट मिलता है।
5 Volt × 1 Ampere = 5 Watt
चार्जिंग को फास्ट करने के लिए, चार्जर में मिलने वाली इन्हीं दोनों वेरिएशंस (वोल्टेज और एम्पियर) को बढ़ाकर चार्जिंग में लगने वाले समय को कम किया जाता है।
जैसे-जैसे हम चार्जर के आउटपुट वोल्टेज को बढ़ाते हैं, तो हमें आउटपुट में मिलने वाला करंट भी पहले से कहीं ज्यादा पावरफुल मिलता है।
इस चार्जिंग के लेवल को मैनेज करने के लिए सर्किट में एक ‘Charge Controller IC’ लगा होता है, जो करंट को मेंटेन रखता है, जिसकी मदद से यह पूरी प्रक्रिया तेज़ी से हो पाती है
बैटरी रेजी से चार्ज होने के बाद यह उतनी ही तेजी के साथ डिस्चार्ज न् हो जाए इसके लिए बैटरी के साथ लगे ‘Charge Controller IC’ की मदद से बैटरी के डिस्चार्ज प्रोसेस को मेंटेन रखा जाता है, इस कारण हम फ़ास्ट चार्ज की हुई बैटरी को लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते है।
क्वालकॉम की तरफ से पहली बार फास्ट चार्जिंग का फीचर किसी स्मार्टफोन में दिया गया, जिसे Quick Charge 1.0 के नाम से जाना जाता है, यह 5 वोल्ट और 2 एम्पियर पर काम करता है जिसका आउट्पुट 10 वाट है।
ऊपर जो इमेज दी गई है, इसमें शाओमी की तरफ से आने वाले 33 वाट के फास्ट चार्जर को दिखाया गया है, जो कि…
100 से 120v के करंट पर –
5v-3A = 15w / 9v-2A = 18w / 12v-1.5A = 18w का पावर आउटपुट देता है।
और 200 से 240v के करंट पर –
5v-3A = 15w / 9v-3A = 27w / 12v-2.25A = 27w / 20v-1.35A = 33w / 11v-3A = 33w का पावर आउटपुट देता है।
इस चार्जर का अधिकतम पॉवर 33 वाट है जो कि 20v-1.35A = 33w और 11v-3A = 33w के रूप में मिलता है, आपका फोन इसमें से जिस पैरामीटर को सपोर्ट करता है, फोन उस वाट से चार्ज होगा।
उदाहरण के तौर पर बात करें तो यदि फोन 18 वाट की चार्जिंग को सपोर्ट करता है तो, 9 वोल्ट × 2 एम्पियर या फिर 12 वोल्ट × 1.5 एम्पियर के करेंट पर चार्ज होगा, ठीक इसी तरह बाकी के वाटेज पर भी इसी तरह सिस्टम लागू होता है।
यदि फोन में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट नहीं दिया गया है तो इसमें से कम वाट की शक्ति फोन को मिलेगी जिससे फोन धीमे चार्ज होता है, यह कम वाट किसी भी चार्जर में 5 वाट या 10 वाट का आउट्पुट होता है।
Fast Charging Watts –
स्मार्टफोन बनाने वाली लगभग सभी कंपनियां, क्वालकॉम के फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करती हैं।
लेकिन क्योंकि सभी ने इसको अपने डिवाइस और फीचर्स के अनुसार डेवलप किया है इसलिए इसको अपने द्वारा दिए गए नामों से बुलाती हैं, ताकि कस्टमर उनको अलग नजरिये से देखे।
नीचे दिए गए टेबल में ये कुछ ऐसे ही नाम है जिनसे आज के समय में हम अलग-अलग स्मार्टफोन ब्रांड के फास्ट चार्जिंग को पहचानते है।
इस लिस्ट में स्मार्टफोन ब्रांड के फास्ट चार्जिंग टेक्नॉलजी तथा इस फीचर को सपोर्ट करने वाले कुछ स्मार्टफोन्स के Fast Charging Watts के बारे में जानकारी दी गई है –
Brand | Technology | Model | Support |
Xiaomi | Hyper Charge | Xiaomi 11T Pro | 120W |
Poco | Fast Charge | Poco F3 GT | 67W |
Samsung | Adaptive Charging | Galaxy s22 Ultra | 45W |
OnePlus | Warp Charge | OnePlus Nord 2 | 65W |
Oppo | Vooc charge | Oppo Reno 6 Pro | 65W |
Realme | Fast Charge | GT Neo 2 | 65W |
Huawei | Supercharge | Huawei Mate XS | 55W |
Motorola | TurboPower | Motorola Edge 20 | 30W |
Apple | Fast Charge | iPhone 13 | 20W PD |
Asus | Fast Charge | ROG Phone 5 | 65W |
iQOO | Fast Charge | iQOO 9 Pro | 120W |
Qualcomm | Quick Charge 5.0 |
इसमें कोई शक नहीं है कि फोन को ज्यादा पावर देकर तेजी से चार्ज करना समय के साथ बैटरी पर नेगेटिव इफ़ेक्ट जरूर करता है, इसके फायदे तो हमने देख लिया लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए –
1. फास्ट चार्जिंग टेक्नॉलजी की मदद से फोन को बहुत कम समय में चार्ज किया जा सकता है, लेकिन इस फीचर के लिए बैटरी की लाइफ साइकिल पर असर पड़ता है, जिससे बैटरी लाइफ कम हो जाती है।
2. जब भी हम फोन को फास्ट चार्जिंग से चार्ज करते है, तो यह संभव है कि वह गर्म हो जाए, आमतौर पर ऐसा देखने को मिलता है, यदि आप पहले से ही किसी गर्म वातावरण में है तो उस समय यह बैटरी के हेल्थ पर नेगेटिव इफ़ेक्ट डालता है, यह कारण भी बैटरी की लाइफ पर असर डालता है।
3. इस टेक्नॉलजी के शुरुआती समय में यूजर्स ने यह शिकायत कि थी कि जब नॉर्मल चार्जर से फोन को चार्ज करते है तो यह ज्यादा देर तक चलती थी लेकिन फास्ट चार्जर से चार्ज करने के बाद जल्दी ही बैटरी अपनी पावर खो देती थी।
हालांकि अभी के समय में स्मार्टफोन की बैटरी के साथ ये इशू नहीं देखने को मिलता है।
जिसका अनुभव हमने खुद किया है कि इसकी चार्जिंग नॉर्मल चार्जिंग की तरह ही चलती है।
लेकिन यदि आपका फोन पुराना है तो हो सकता है कि यह समस्या देखने को मिले, बैटरी जल्दी कि चार्जिंग खो दे, लेकिन आमतौर पर ऐसा सभी तरह के फोन के साथ होता है।
4. नॉर्मल चार्जिंग की अपेक्षा Fast Charging में बैटरी को ज्यादा प्रेशर को झेलना पड़ता है जिससे कि इसके हेल्थ पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है।
क्या फास्ट चार्जर सभी फोन को तेजी से चार्ज करता है?
नहीं, फास्ट चार्जिंग के लिए फोन और चार्जर दोनों को यह फीचर सपोर्ट करना चाहिए।
सबसे फास्ट चार्जर कौन सा है?
Xiaomi ने अपने 200 वाट की चार्जिंग को इन्ट्रोड्यूस किया जो कि फोन को केवल 8 मिनट में चार्ज कर देता है।
फोन के स्लो चार्ज करने का क्या कारण हो सकता है?
अगर फोन में फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट नहीं है तो फोन धीमे चार्ज होता है और समय के साथ यह चार्जिंग समय बढ़ता जाता है।
रात में फोन को चार्ज में लगाकर छोड़ सकते है?
आज के समय में स्मार्टफोन में बैटरी को ओवर चार्जिंग से बचाने के लिए तीन लेयर का प्रोटेक्शन दिया जाता है, जिससे कि आपका फोन सुरक्षित रहता है, लेकिन फोन को अपने बिस्तर के पास चार्ज में लगाकर न रखें।
Summary –
Fast Charging के फायदे है तो वहीं पर इसके कुछ नुकसान भी है, इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है कि चार्जिंग के समय बैटरी का गर्म होना सामान्य बात है लेकिन यही गर्मी बैटरी के जल्द खराब होने के लिए जिम्मेदार होती है।
इसीलिए टेक्नॉलजी हमारे लिए फायदेमंद ही हो ब्रांडस की भी हमेशा कोशिश रहती है, इसलिए यदि हम इसको सही तरीके से सही उद्देश्य के साथ प्रयोग करें तो इससे हमें फायदा ही होगा।
तो दोस्तों, फास्ट चार्जिंग क्या है? (Fast Charging Kya Hai) इसके बारे में यह लेख आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं नीचे कमेंट बॉक्स में, इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उन तक यह जानकारी पहुँच सके, Thank You 🙂