AI Kya Hai, कुछ साल पहले तक टेक्नॉलजी की दुनिया में इंसान ने विकास का क्रम शुरू किया लेकिन अगर इतिहास के पन्ने में देखें तो पिछले कुछ सालों में ही एक लंबी छलांग लगाई।
आज के समय में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के रूप में हमारे पास वो ताकत आ चुकी है जिसकी मदद से वो काम भी संभव हो गए है जो कुछ साल पहले तक एक सपना हुआ करते थे।
Hello Dosto, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज हम बात करने जा रहे है, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के बारे में AI Kya Hai, Artificial Intelligence Kya Hai क्यों हमारे लिए यह इतना महत्वपूर्ण है और इसके क्या फायदे और नुकसान है और जानेंगे इससे जुड़े फैक्ट्स के बारें में।
AI Kya Hai –
AI का फुल फॉर्म “Artificial Intelligence” (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस) होता है, हिंदी में इसे “कृत्रिम बुद्धिमता” कहा जाता है।
Artificial Intelligence Kya Hai, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई वह विज्ञान है जो कंप्यूटर सिस्टम को इंसानी दिमाग की तरह कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है।
अभी तक इंसानों और मशीनों में एक सबसे बाद अंतर यह था कि इंसान किसी चीज को प्रोसेस कर सकते है और उसके बाद एक निर्णय ले सकते है जबकि मशीन नहीं।
जैसे, किसी व्यक्ति को कागज पर ड्रॉइंग बनानी है तो वह खुद से सोचकर कुछ भी नया चीज बना सकता है।
जबकि प्रिंटर मशीन ऐसा नहीं करती है, उसे हमें पहले बताना पड़ता है, जिसके बाद ही हमें कुछ भी प्रिन्ट होकर मिलता है।
आज के समय में इंसानों और मशीनों के बीच की यही दूरी घटती जा रही है, जिसका मुख्य कारण है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई का मुख्य उद्देश्य कंप्यूटरों को सीखने, समझने और समस्याओं को हल करने की क्षमता प्रदान करना है।
जिससे कंप्यूटर या मशीन को बुद्धि के स्तर में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके जिससे वे खुद से किसी डेटा को प्रोसेस करके रिजल्ट निकाल सकें जो कि हम इंसान किया करते है।
AI में कई तकनीकें शामिल हैं, जैसे मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क और कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस।
मशीन लर्निंग में, कंप्यूटर सिस्टम अपने आप डेटा सीखते और समझते हैं, जबकि तंत्रिका नेटवर्क मानव मस्तिष्क की तरह कार्य करने का प्रयास करते हैं।
Overview –
AI Kya Hai, इससे जुड़ी संक्षिप्त जानकारी –
AI_की_शुरुआत | 1950 के दशक से |
AI के जन्मदाता | एलन ट्यूरिंग |
AI का उद्देश्य | इंसानी बौद्धिक क्षमता को मशीन से हासिल करना |
AI के प्रमुख टूल्स | Chat GPT, Adobe Firefli, Midi Journey etc. |
AI का इतिहास –
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कल्पना बहुत पुरानी है, ग्रीक मिथकों में ‘मैकेनिकल मैन’ की अवधारणा से संबंधित कहानियाँ मिलती हैं अर्थात् कोई ऐसा व्यक्ति जो हमारे किसी व्यवहार की नकल (Copy) करता है।
इतना ही नहीं प्रारंभिक यूरोपीय कंप्यूटरों को ‘लॉजिकल मशीन’ की तरह डिजाइन किया गया था यानी उनमें बेसिक गणित, मेमोरी जैसी क्षमताएँ विकसित कर इनका मैकेनिकल मस्तिष्क के रूप में इस्तेमाल किया गया था।
लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे तकनीक उन्नत होती गई और कैलकुलेशंस जटिल होते गए, उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संकल्पनायें भी बदलती गई।
इसके तहत इनको मानव व्यवहार की तरह विकास करने की कोशिश की गई, ताकि ये अधिकाधिक इस तरह से इंसानी कामों को करने में सक्षम हो सकें, जिस तरह से आमतौर पर हम सभी करते हैं।
कंप्यूटर यूज में यांत्रिक या “औपचारिक” तर्क का अध्ययन गणितज्ञों के साथ प्राचीन काल में शुरू हुआ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक “एलन ट्यूरिंग” को माना जाता है, “एलन ट्यूरिंग” जो एक कंप्यूटर वैज्ञानिक थे उन्होंने गणितीयतर्क के अध्ययन के आधार पर “कंप्यूटर सिद्धांत” का जन्म दिया।
उनके द्वारा दिए गए सिद्धांत का मानना है की मशीन के द्वारा “0” और “1” जैसे सरल चिह्न, को जोड़-तोड़ के कोई भी बोधगम्य गणना कर सकते हैं, इस सिद्धांत के अनुसार आज के साधारण कंप्यूटर या स्मार्टफोन ऐसे मशीन हैं।
ट्यूरिंग के द्वारा दिया गया यह विचार कि कंप्यूटर औपचारिक तर्क की किसी भी प्रक्रिया को अनुकरण कर सकते हैं, जिसे “चर्च-ट्यूरिंग थीसिस” के नाम से जाना जाता है।
अपने निष्कर्षों से ट्यूरिंग ने प्रस्तावित किया कि “यदि कोई मनुष्य मशीन और मानव से प्रतिक्रियाओं के बीच अंतर नहीं कर सकता है, तो मशीन को “मानव की तरह बुद्धिमान” माना जा सकता है, जो कि आज हम होते हुए देख सकते है, AI Kya Hai।
1950 के दशक तक, मशीनी बुद्धिमत्ता को कैसे प्राप्त किया जाए, इसके लिए दो दृष्टिकोण सामने आए। एक दृष्टि, जिसे प्रतीकात्मक AI या GOFAI के रूप में जाना जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली।
इस क्रम में जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की।
इस योजना में जापान के द्वारा सुपर-कंप्यूटर के विकास के लिये 10 वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।
जापान के बाद अन्य देशों ने भी इस प्रोजेक्ट की ओर ध्यान दिया और ब्रिटेन ने इसके लिये ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।
इसके बाद यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया और 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे – Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की।
AI की क्षमता –
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दायरा विवादित माना जाता है, क्योंकि मशीनें तेजी से सक्षम हो रही है।
पहले जिन कार्यों को करने के लिए हम मानते थे कि इसमें होशियारी चाहिए, अब वह कार्य “कृत्रिम होशियारी” के दायरे में नहीं आते।
उद्धाहरण के तौर पर, लिखे हुए शब्दों को पहचानने में अब मशीन इतने सक्षम हो चुके हैं, की इसे अब होशियारी नहीं मानी जाती।
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दायरे में आने वाले कार्य हैं, इंसानी वाणी को समझना, शतरंज के खेल में माहिर इंसानों से भी जीतना, बिना इंसानी सहारे के गाडी खुद चलाना।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वैज्ञानिक क्षेत्र को इस धारणा पर स्थापना की गई थी कि मानवीय बुध्दि को “इतने सटीक रूप से वर्णित किया जा सकता है कि इसे नकल करने के लिए एक मशीन बनाई जा सकती है”।
AI के प्रकार –
Artificial Intelligence Kya Hai, कार्य की प्रकृति तथा प्रयोग के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निम्न प्रकार के होते है –
- सीमित स्मृति (Limited Memory)
- मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)
- पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)
- आत्म-चेतन (Self Conscious)
AI के फायदे –
जब से AI ने आम जीवन में प्रवेश किया है इसने बहुत से क्षेत्रों में बहुत बड़े बदलाव की ओर संकेत किये है।
हालांकि अभी के समय में इस का प्रभाव केवल स्किल से संबंधित चीजों को आसान करने में किया जा रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब यह हर क्षेत्र में छोटी से छोटी चीज के लिए प्रयोग किया जाने लगेगा।
भ्रष्टाचार के क्षेत्र में –
आज के समय में बहुत सी चीजों को यदि किसी व्यक्ति के हाथ में करने के लिए जिम्मेदारी दी जाती है तो उसे पूरी तरह निभा नहीं सकते है।
मानव के हाथ में कुछ न कुछ एरर रह ही जाता है, जबकि AI अपने दिए गए निर्देशों को पूरी तरह पालन करने में सक्षम होगा।
इसका प्रयोग सुरक्षा, टेक्नॉलजी, एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में करने के लिए अपार संभावनाएं है, आम जन जीवन में इसके प्रयोग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
ऑटोमेशन के क्षेत्र में –
ऑटोमेशन के क्षेत्र में आज के समय में हमने बड़ी सफलता हासिल कर ली है लेकिन AI का प्रयोग इस क्षेत्र में काफी बड़े बदलाव ला सकता है।
अभी के समय में कोई भी काम ऑटोमेटिक करने के लिए पहले उसे वह कमांड देना पड़ता है, जो हमें चाहिए होता है।
इसके लिए उस तरह से सॉफ्टवेयर में अनुरूप बदलाव किये जाते है, इसके बाद वह मशीन उस तरीके से कम करती है।
लेकिन AI की मदद से मशीन खुद समझने में सक्षम हो जाएगी कि किस परिस्थिति में मुझे किस तरह काम करना चाहिए।
कृषि के क्षेत्र में –
कृषि हमारे भारत में सबसे बड़ी इंडस्ट्री है, यहाँ पर AI का प्रयोग बहुत से कामों में होने लगा है।
जैसे पेड़ पौधों में कोई रोग लग जाने पर उस पेड़ कि फोटो खींच कर ये पता लगाया जा सकता है कि पौधे को कौन सी बीमारी है।
किसी पेड़ के बारे में आपको जानकारी नहीं है तो उसकी एक फोटो से ही उस पेड़ के बारे में पूरी जानकारी पता कर सकते है। Artificial Intelligence Kya Hai
ऑफिसियल वर्क –
ऐसे बहुत से AI टूल्स आज के समय में आ गया है जो कि हमारा घंटों का काम, कुछ सेकंड में कर देते है।
जैसे – फोटो एडिटिंग की बात करें तो AI आपके द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर उसका बैकग्राउंड बदलना, कलर ठीक करना, चीजों को हटाना जैसे काम तुरंत एक सेकंड में कर देता है।
अगर खुद से यह काम किया जाए तो इसके लिए 25 से 30 मिनट तक भी लग जाते है।
आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित बहुत से नए स्टार्टअप देखने को मिल रहे है।
इस क्षेत्र में इसी तरह हम विकसित होते रहे तो आने वाले समय में यह एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री का रूप ले लेगा।
AI के नुकसान –
अगर बाकी की टेक्नॉलजी को देखें तो जितना हमें उससे फायदा होता था उसके नुकसान कम ही होते थे, लेकिन AI के साथ ऐसा नहीं है।
यह न सिर्फ चीजों को खुद से प्रोसेस करने में सक्षम है बल्कि इंसानों की जगह लेने के लिए भी तैयार हो चुकी है।
आज के समय में बहुत से ऐसे गाने बन रहे है जो किसी ने काभी गाए ही नहीं है, किसी व्यक्ति की आवाज को बदलकर दूसरे व्यक्ति की आवाज को लगाई जा सकती है।
ऐसे में इसका सबसे बाद नुकसान यह है कि ये एडिटिंग अब समझ में नहीं आती कि यह काम किसी इंसान ने किया है या किसी सॉफ्टवेयर ने।
भविष्य में संभावनाएं –
क्या ए.आई. आने वाले समय में नौकरियों को खत्म कर देगा, तो इसका जवाब है हाँ…, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है।
अगर हम इतिहास में देखें तो पता चलता है कि कंप्युटर के आने से पहले कार्यालयों में सारा का सारा काम पेपरवर्क होता था।
सभी तरह के ऑफिसियल कामों के लिए पूरी तरह पेपर पर आधारित कार्य होते थे, जिसको मैनेज करने के लिए ऑफिस में अलग से स्टाफ लगाए जाते थे।
बीतते समय के साथ कंप्यूटर आया और इस तरह के काम करने वाले लोगों की नौकरियां चली गई।
कंप्यूटर के आने के पहले हाथों से पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स और विज्ञापन बनाए जाते थे, 80-90 के दशक में ड्रॉइंग आर्टिस्ट की बहुत बड़ी डिमांड हुआ करती थी।
इस तरह के आर्टिस्ट फ़िल्मों के पोस्टर, बैनर, विज्ञापन जैसे कलात्मक चीजें बनाया करते थे।
उस समय पत्र भी खूब चला करते थे, तो कैलिग्राफी के माध्यम से खूबसूरत अक्षरों के द्वारा पत्र लिखने का भी चलन हुआ करता था। Artificial Intelligence Kya Hai
जब धीरे-धीरे मार्केट में कंप्यूटर ने दस्तक दी तो इन सभी लोगों की नौकरियां चली गई।
अब जब कंप्यूटर मार्केट में आया तो इसने पहले से चले आ रहे काम को डिजिटल रूप में बदलने का काम किया।
पहले जो काम हाथों से हुआ करते थे अब वही ऑफिस के काम, कैलिग्राफी के काम, होर्डिंग, बैनर और पोस्टर बनाने का काम कंप्यूटर से होने लगा।
कंप्यूटर ने स्किल्ड लोगों की एक नई दुनिया बना दी, आज के समय में कंप्यूटर करोड़ों लोगों को रोजगार दे रहा है।
इसलिए AI को हम कुछ कंप्यूटर की युग की शुरुआत के जैसा ही मान सकते है।
हालांकि AI भारत में अभी शैशवावस्था में है, कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें इसे लेकर प्रयोग किये जा सकते हैं।
देश के विकास मेंआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को देखते हुए उद्योग जगत ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है।
सरकार का भी यह मानना है कि सुशासन के लिहाज़ से देश में जहां संभव हो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाए।
जिसके लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो बेहतर लाभ लिया जा सकता है।
AI के लिये देश में एक अथॉरिटी बने जो इसके नियम-कायदे तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे।
गवर्मेंट उन क्षेत्रों की पहचान करे जहाँ प्राथमिकता के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि आदि वे क्षेत्र है जहां पर AI के प्रयोग के अपार संभावनाएं है।
AI Kya Hai, Summary –
AI का निर्माण मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से है, लेकिन सच यह भी है कि यदि इसके जोखिम से बचने का तरीका नहीं ढूँढा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
इसके बहुत से फ़ायदों के बावजूद आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस के अपने बहुत से खतरे हैं।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उदय हमारे लिये फायदेमंद भी हो सकता है और नुकसानदेह भी।
फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि इसका स्वरूप आगे क्या होगा, लेकिन यह हमारे लिए अच्छा होगा या बुरा, बाकी चीजों के साथ हमारे प्रयोग करने के उद्देश्य पर भी निर्भर करता है।
यह मानव जाति के लिए ज्यादा से ज्यादा फायदेमंद हो इसीलिये इस संदर्भ में और ज़्यादा शोध किये जाने की ज़रूरत है।
आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमता का होने वाला है इसलिए हमें इसके लिए तैयार होना पड़ेगा, नहीं तो जो इस बदलाव के अनुकूल खुद को नहीं बदलेगा वह पीछे रह जाएगा।
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